मुख्य पृष्ठ
कनवर्टरस
रोमन-से-हिन्दी
काव्य रस
गद्य रस
प्रेम रस
भाव रस
अध्यात्म रस
भक्ति रस
परिचय
सम्पर्क सूत्र
*साहित्य प्रेमियों का एक संयुक्त संघ...साहित्य पुष्पों की खुशबू फैलाता हुआ*...."आप अपनी रचना मेल करे अपनी एक तस्वीर और संक्षिप्त परिचय के साथ या इस संघ से जुड़ कर खुद रचना प्रकाशित करने के लिए हमे मेल से सूचित करे" at contact@sahityapremisangh.com पर.....हम आपको सदस्यता लिंक भेज देंगे.....*शुद्ध साहित्य का सदा स्वागत है*.....
Followers
+
Sunday, August 23, 2020
माँ बाप ज़िंदगी भर खाते है मुसीबतों के थपेड़े
ताकि उनके बच्चे खा पायें पेड़ें
पर जब उनकी बदौलत
मिल जाती है दौलत
तो ख़र्चीले स्वभावसे
निष्काम भाव से
शुरू में तो एश करते है
पर ज़िंदगी भर क्लेश करते है
घोटू
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment