दीवारें
चार दीवारें हमेशा,मिल बनाती आशियाँ
मगर उग आती है अक्सर ,कुछ दीवारें दरमियाँ
गलतफहमी ने बना दी ,बीच में थी दूरियां ,
वो हमारे और तुम्हारे ,बीच की दीवार थी
नफरतों की ईंट पर ,मतलब का गारा था लगा
कच्चा करनी ने चिना था ,रही हरदम डगमगा
प्यार की हल्की सी बारिश में जो भीगी ,ढह गयी
वो हमारे और तुम्हारे बीच की दीवार थी
ना तो कुछ झगड़ा हुआ था ना हीथी मजबूरियाँ
अहम का कुछ बहम था जिसने बना दी दूरियाँ
कब गिरी कैसे गिरी पर गिर गयी अच्छा हुआ
वो हमारे और तुम्हारे बीच की दीवार थी
घोटू
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