ग़म ही गम
गमो के गाँव में आकर ,गए हम भूल मुस्काना ,
पड़ गयी मुश्किलें पीछे ,ग़मों की इतनी शिद्दत है
न कोई सूझता रस्ता,अँधेरा ही अँधेरा है,
सुखों की साख बिगड़ी है, मुसीबत ही मुसीबत है
घोटू
गमो के गाँव में आकर ,गए हम भूल मुस्काना ,
पड़ गयी मुश्किलें पीछे ,ग़मों की इतनी शिद्दत है
न कोई सूझता रस्ता,अँधेरा ही अँधेरा है,
सुखों की साख बिगड़ी है, मुसीबत ही मुसीबत है
घोटू
1 comment:
मन की बात खूब कही है !
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