ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश,हमारे तीन देवता ,
कर्ता ,भर्ता और हर्ता ये देव कहाते
कब जन्मे,कैसे जन्मे ,कुछ पता नहीं है,
ये तीनो तो आदि पुरुष है ,पूजे जाते
ब्रह्मा जी के संग ,सरस्वती जी है दिखती,
मगर कहीं इनके रिश्ते का जिक्र नहीं है
और विष्णु जी है लक्ष्मी- रमना कहलाते,
पत्नीवत लक्ष्मी जी इनके संग रही है
वो भी तब,समुन्द्रमंथन से थी वो प्रकटी ,
उसके पहले शायद विष्णु ,रहे अकेले
एक केवल शंकर जी है जिनकी शादी का ,
जिक्र किताबों में मिलता है सबसे पहले
ब्रह्मा जी,शंकर जी दोनों 'परमानेन्ट' है,
'डेपुटेशन' पर केवल विष्णु जी हैं जाते
लेते है अवतार धरा पर ,कई रूप धर ,
जन्मदिवस उन अवतारों का सभी मनाते
ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश ,देव तीनो महान है,
इनका जन्म दिवस पर दुनिया नहीं मनाती
ब्रह्मा,विष्णु की शादी का दिवस पता ना,
शिव रात्रि है पर्व ,हुई जब शिव की शादी
मै मूरख,अज्ञानी तो बस इतना जानू,
आदि पुरुष ये ,इनका जन्म दिवस ना मनता
ब्रह्मा विष्णु की शादी भी अगर हुई है ,
तो फिर उनका परिणय दिवस क्यों नहीं मनता?
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
3 comments:
बहुत सार्थक प्रस्तुति आपकी अगली पोस्ट का भी हमें इंतजार रहेगा महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
कृपया आप मेरे ब्लाग कभी अनुसरण करे
कुछ गहन शास्त्रीय अध्ययन करें तभी सारे भ्रम दूर होंगे....
त्रिदेव...शिव ब्रह्मा विष्णु अज हैं ...ब्रह्मा विष्णु शिव के समय विवाह संस्था नहीं थी ...
---मानव इतिहास में सर्व-प्रथम विवाह...शिव-पार्वती का हुआ..( सती शिव को प्रेम विवाह रूप दी गयीं थी ..विवाह नहीं हुआ था) ..शिव द्वारा प्रदत्त यह संस्था उसी समय से अस्तित्व में आई ...इससे पहले महिलायें अपनी स्वयं की इच्छा से या पिता /पालक की इच्छा से पुरुष को दी जाती थीं...
Post a Comment