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Tuesday, December 18, 2012
माचिस की तिली
माचिस की तिली
पेड़ की लकड़ी से बनती,कई माचिस की तिली ,
सर पे जब लगता है रोगन,मुंह में बसती आग है
जरा सा ही रगड़ने पर ,जलती है तिलमिला कर,
और कितने दरख्तों को ,पल में करती खाक है
घोटू
2 comments:
Anonymous said...
सही कहा
December 18, 2012 at 8:03 PM
Ghotoo
said...
dhanywad rakesh ji
December 20, 2012 at 2:12 PM
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2 comments:
सही कहा
dhanywad rakesh ji
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