Wednesday, November 21, 2012
''मुंबई हादसा ,26.11.2008 ''
संयम को समझो कमजोरी नहीं
आपस के सभी मतभेद मिटाकर
प्रतिष्ठा पर असह्य आघात लगा है
देख लिया,बहुत हो गयी शांतिवार्ता
आतंक के विरुद्ध हम एकजुट हैं
झकझोर गया दिल मुंबई हादसा
जाने कितनी बार छाला दरिंदों ने
निर्दोषों के जान की कीमत अब
करकरे,काम्टे,कृष्णन,सालस्कर
वेवजह जानें हुई हैं लहुलूहान जो
कितनी माँगे,ललाट सुनी सुहाग की
गोधरा से लेकर अक्षरधाम तक
दहशत फ़ैलाने वालों आतंकियों सुनो
भारत की अस्मिता लिए जरुरत आज़
प्रबुद्ध,गुणी होनहार,राष्ट्र भक्तों की
मातृभूमि की संप्रभुता के लिए
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